खूंटी। खूंटी के चर्चित भाजपा नेता मुरहू थाना के हेठगोवा निवासी मागो मुंडा, उनकी पत्नी लखमनी देवी और बेटे लिपराय मुंडा हत्याकांड का सात दिनों के भीतर खुलासा करते हुए पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अपराधियों की निशानदेही पर तिहरे हत्याकांड में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किया है।
कर ने मंगलवार शाम एसपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि भूमि विवाद के कारण मोगो मुंडा उसकी पत्नी व बेटे की हत्या उसके ही रिश्तेदारों ने करा दी। मृतक मागो मुंडा और साजिशकर्ता रोतोन मुंडा एक ही खानदान के हैं। इस मामले में पुलिस ने कुल चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में रोतोन मुंडा, खेदन मुंडा, सिरका सारूकद उर्फ सोमाय सारूकद और सागर मुंडा उर्फ सोमा मुंडा शामिल है।
डीआईजी ने बताया कि घटना को कुल आठ लोगों ने अंजाम दिया है। इनमें पीएलएफआई के चोयता उर्फ सनिका ओड़ेया भी शामिल है। उन्होंने बताया कि हेठगोवा गांव में ही 12 एकड़ 55 डिसमिल जमीन है, जो खतियान में मागो मुंडा के खानदान की ही सीमा देवी पति डोगे मुंडा के नाम से दर्ज है। उनकी कोई संतान नहीं थी। उक्त जमीन के बंटवारे को लेकर रोतोन मुंडा, भाई खेदन मुंडा, राजा सिंह मुंडा और उनके परिजनों का मागो मुंडा के साथ विवाद चल रहा था। जमीन पर मागो मुंडा और उसके परिवार के ही सोमा मुंडा ने कब्जा कर लिया था। रोतोन मुंडा और उसके भाइयों को जमीन में हिस्सा नहीं मिला। रोतोन मुंडा जमीन में अपनी हिस्सेदारी की मांग कर रहा था। इसे लेकर 2018 में ग्रामसभा भी हुई थी, जिसमें रोतोन मुंडा की दावेदारी को सही माना गया था। एक सप्ताह के बाद रोतोन मुंडा और मागो मुंडा के परिवार की एक बैठक फिर हुई। मागो मुंडा ने जमीन में हिस्सेदारी देने से मना कर दिया। लगातार प्रयास के बाद भी जब जमीन में रोतोन को हिस्सेदारी नहीं मिली, तो उसने प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के चोयता उर्फ सनिका ओडेया से संपर्क किया। रोतोन मुंडा ने मागो मुंडा की हत्या के लिए दस हजार रुपये एडवांस भी दिया और बाकी राशि हत्या के बाद देने का वादा किया। 22 जुलाई को मागो मुंडा, उसकी पत्नी लखमनी देवी और पुत्र लिपराय मुंडा की हत्या कर दी गयी।
डीआईजी ने बताया कि पुलिस ने रोतोन मुंडा को कोडरमा के डोमचांच से गिरफ्तार किया। वहीं तीन आरोपितों को खूंटी जिले से ही गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त नाईन एमएम की एक और 315 बोर की दो पिस्टल, टांगी, बाइक, मोबाइल आदि बरामद किया है। पीएलएफआई के चोयता उर्फ सनिका ओड़ेया को देने के लिए रखे गये पांच लाख 795 रुपये को भी पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर बरामद कर लिया है।
घटना के उद्भेदन के लिए पुलिस ने कई टीमों का गठन किया था। इसमें अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की गयी। जांच के क्रम में खूंटी पुलिस को जमशेदपुर और कोडरमा की पुलिस ने भी सहयोग किया। डीआईजी ने बताया कि पीएलएफआई के चोयता उर्फ सनिका ओड़ेया और अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है। उन्होंने कहा कि घटना में संगठनात्मक रूप से पीएलएफआई शामिल नहीं है।
अफीम के अवैध कारोबार से कमाये थे रुपये
मागो मुंडा और उनके परिजनों की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता रोतोन मुंडा और उसके भाई खेदन मुंडा का पीएलएफआई के साथ काफी समय से संपर्क था। दोनों अफीम के अवैध कारोबार में भी संलिप्त हैं। उनकी निशानदेही पर बरामद पांच लाख 795 रुपये अफीम के कारोबार से ही कमाया गया था। हालांकि हत्याकांड में अफीम का किसी प्रकार से कनेक्शन होने से डीआईजी ने इनकार किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ जमीन विवाद के कारण ही हत्या की गयी है।
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